Risk Management – Stock Bhoomi |
शेयर मार्केट में रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है ? और Treding करते समय रिस्क को मैनेज कैसे किया जाता है, इसी प्रश्न का उत्तर देने वाला हूं अभी मैं |
ट्रेडिंग में रिस्क क्या है?
ट्रेडिंग एक बिजनेस है इसे करने से पहले ट्रेडिंग सीखा जाता है, ट्रेडिंग में आप पैसा बना भी सकते हो तो गवा भी सकते हो | आप सोशल मीडिया से दूसरे का पैसा देखकर डायरेक्ट ट्रेडिंग करने मत आ जाना, नहीं तो पैसा कमाना तो दूर आपका जीवन पूरा बर्बाद हो जाएगा |
इसलिए पहले आपको सीखने पर ध्यान देना है कम पैसा से आपको ट्रेडिंग करना है जब आपको लगे कि मैं सीख गया हूं तब आपको पैसा को बढ़ाना है |
आप रिस्क को मैनेज कैसे कर सकते हैं?
एक सक्सेसफुल treader अपना कैपिटल के ऊपर 2% से ज्यादा का रिस्क नहीं लेता है, सपोज आपके पास ₹10000 का कैपिटल है तो ₹10000 का 2% ₹200 होता है, तो फिर आप एक ट्रेड में ₹200 से ज्यादा का स्टॉप लॉस नहीं ले सकते है |
आइए इनमें से हर एक रुल्स को थोड़ा और डिटेल्स में समझें।
ये तो बता दिया ट्रेडिंग में कितना पर्सेंट का रिस्क लेना है, पर आपके मन में यह प्रश्न आ रहा होगा यह स्ट्रेटजी कौन सा कौन सा मार्केट में काम करता है | चाहे Forex market हो या फिर cripto,Futures and Options, या फिर equity trading, इन सभी में यह स्ट्रेटजी वर्क करेगा |
आइए अब risk management को और आसान भाषा में समझते है
ये है Treding के कुछ नियम जो आपको रोजाना ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखना है, कभी भी आपको Trend के अगेंस्ट में ट्रेड नहीं लेना है Example अगर मार्केट Up ट्रेंड में है तो आपको कभी भी Sell नहीं करना है, वहीं अगर मार्केट डाउन ट्रेंड में है तो चाहे वह Stock हो या फिर forex market या Nifty – Banknifty हो तो यहां पर आपको कभी भी Buy नहीं करना है |
ओवर ट्रेडिंग नहीं करना है: आप एक डायरी बनाओ और जिस दिन आप ट्रेड करते हो, उस दिन प्रॉफिट हुआ तो किस वजह से प्रॉफिट हुआ, और उस दिन लॉस हुआ तो किस वजह से लॉस हुआ, और यह सब बातें डायरी में लिखना है आपको , तभी आपको पता चलेगा कि मेरा लॉस हो रहा है तो किस वजह से लॉस हो रहा है और प्रॉफिट हो रहा है तो किस वजह से प्रॉफिट हो रहा है, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि आपको करना क्या है |
आप नियम बनाओ कि मुझे दिन भर में दो या तीन से ज्यादा ट्रेड नहीं करना है, और यह सब बात आपको डायरी में लिखना है , और कभी भी आपको अपना क्षमता से ज्यादा लॉस नहीं लेना है अगर आप ऐसा करते हैं तो आप कभी भी ट्रेडिंग नहीं सिख पाओगे |
अगर आपने कहीं पर ट्रेड लिया टारगेट है उसका 10 पॉइंट का और स्टॉपलॉस है उसका दो पॉइंट का पर मार्केट ने आपका टारगेट नहीं हिट करके स्टॉपलॉस हिट कर दिया , तो आप खुशी-खुशी वहां पर स्टॉपलॉस मार्केट को दे दोगे आपको हमेशा छोटा स्टॉपलॉस और बड़ा टारगेट पर काम करना है, छोटा-छोटा आपका दो-तीन स्टॉप लॉस भी लग गया तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, आपका एक ट्रेड चला तो सभी लॉस को रिकवर करके आप प्रॉफिट में आ जाओगे |
यही था Risk Management कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में कुछ मेरा ज्ञान उम्मीद है आपको पसंद आया होगा शेयर बाजार के बारे में सीखने के लिए और भी पोस्ट पढ़ सकते हैं stock bhoomi पर धन्यवाद |